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Post by geetamanika on Dec 22, 2013 23:30:44 GMT 5.5
अमी च त्वां धृतराष्ट्रस्य पुत्राः सर्वे सहैवावनिपालसङ्घैः । भीष्मो द्रोणः सूतपुत्रस्तथाऽसौ सहास्मदीयैरपि योधमुख्यैः ॥ २६॥ dl.dropbox.com/u/55233059/C11/SGeeta1126.mp3और ये समस्त धृतराष्ट्र के पुत्र राजाओं के समुदाय सहित आप में प्रवेश करते हैं। भीष्म, द्रोण तथा कर्ण और हमारे पक्ष के भी प्रधान योद्धाओं के सहित.। ।।11.26।। ધૃતરાષ્ટ્રતણા પુત્ર સૌ કૈં રાજાની સાથ, ભીષ્મ દ્રોણ કે કર્ણ આ, વીર અમારા લાખ. --------- वक्त्राणि ते त्वरमाणा विशन्ति दंष्ट्राकरालानि भयानकानि । केचिद्विलग्ना दशनान्तरेषु संदृश्यन्ते चूर्णितैरुत्तमाङ्गैः ॥ २७॥ dl.dropbox.com/u/55233059/C11/SGeeta1127.mp3The sons of Dhritaraashtra along with the hosts of kings; Bheeshma, Drona, and Karna together with chief warriors on our side are also quickly entering into Your fearful mouths having terrible teeth. Some are seen caught in between the teeth with their heads crushed.(11.26-27) तीव्र वेग से आपके विकराल दाढ़ों वाले भयानक मुखों में प्रवेश करते हैं और कई एक चूर्णित शिरों सहित आपके दांतों के बीच में फँसे हुए दिख रहे हैं। ।।11.27।। ઘોર તમારા વદનમાં સર્વે પ્રવેશે છે, ચોંટે દાંતે, કૈંકના મસ્તક તૂટે છે. ---------
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